44 सब गाछ ओइके फरसबसे चिन्हल जाइछै। काँटके झारसे अनार नै तोडैछै नै त अङगुर बिछैछै।
हे हमर भाइ-भैयासब, अन्जिरके गाछमे जैतुन या अङगुरके लतिमे अन्जिर फरैछै? तहिनङ नोनगर पानीके भभरीसे मिठ पानी नै बहैछै।
“कोनोभी असल गाछमे असले फल फरैछै आ खराब गाछमे खराबे फल फरैछै। कथिलेत गाछ ओइके फरसे चिन्हल जाइछै।
तोरासबके परेम भोजमे यि लोकसब कलंक चियौ। उसब दोसर गोराके वास्ता नै कैरके आपन पेट भरैके धियानमे रहैछै। उसब पानी बिनाके बादल जखाछै, जकरा हबा उराके ल्याजाइछै। उसब आपन समयमे फल नै फरैबला आ जैरसे उखैरके मरल गाछसब जखा चियै।
उसबके फरल फरसे तुसब ओइसबके चिन्हबिही। कि काँटके झारसे अङगुर या काँटबला लोहजनके गाछसे अन्जिर तोरैछै?
अहिनङे उ अगमबक्तासबके ओइसबके फरसबसे चिन्हबिही।