27 ओहिनङे एलीसा अगमबक्ताके बखत इजराएलमे बहुत लोकसबके कोढि-कुस्टी रहै, महज ओइसबगोरेमे से कोइ नै निक भेलै। सिरिया देसके नामान मातरे निक भेलै।”
जब हम सन्सारमे ओइसबसङे छेलियै, तब हम ओइसबके अहाँके आपन नामके सक्तिसे रक्छा करलियै, जे नाम अहाँ हमरा देनेछेलियै। हम ओइसबके बचेलियै आ ओइसबमेसे नास हैबलाके छोइरके औरो कोइ नास नै भेलै, महज पबितर धरमसास्तरमे लिखल बचन पुरा हेबे कैहके यि भेलै।
उ परमेस्वरके पालमे ढुइकके चरह्याल रोटी साथीसबसङे मिलके खेल्कै। जबकि अपनासबके नियम अनुसार पुजारी बाहेक औरो ककरो खाइले उचित नै छै।
तब येसु आपन हाथ अगा बरहाके छुबल्कै आ कहल्कै, “हम चाहैचियौ, तु सुध भ्याजो।” उ तखुन्ते कोढि-कुस्टीसे सुध भेलै।
यि बात सुइनके यहुदी सभाघरके सब लोकसब खिस्यागेलै।