31 कथिलेत जब उसब गाछ हरियर रहैत एहेन करैछौ त, सुइखगेलाके बाद कथी करतौ?”
यदी कोइ हमरमे नै रहतै त, उ काटल ठाइर जखा बाहर फेकल जेतै आ उ सुइख जेतै। एहेन ठारइरसबके लोकसब एक ठाममे जम्मा कैरके आइगमे झोइक दैछै आ उ डैहजेतै।
फटकैबला सुपा ओकरे हाथमे छौ आ उ आपन खरहियानके आपने साफ करतौ। आपन गहुम बखारीमे जम्मा करतौ, महज भुसा जतेक सब नै बुताइबला आइगमे जराइतै।”
तोरासबके परेम भोजमे यि लोकसब कलंक चियौ। उसब दोसर गोराके वास्ता नै कैरके आपन पेट भरैके धियानमे रहैछै। उसब पानी बिनाके बादल जखाछै, जकरा हबा उराके ल्याजाइछै। उसब आपन समयमे फल नै फरैबला आ जैरसे उखैरके मरल गाछसब जखा चियै।
महज औरो लोक काट आ कुस उबजाबैबला जमिन जखा हैछै। उ जमिन बेकार हैछै। एहैन जमिनमे त परमेस्वरके सराप परे सकैछै आ अन्तमे आइगसे नास हेतै।
उसब हिमालके कहतै ‘हमरासबके उपर खैस पर’ आ पहारके कहतै ‘हमरासबके तोइप दहै।’
तब उसब दुइगोरे डाकुसबके ओकरेसङे मिरतुदन्ड दैले ल्याके एलै।