17 [तब ओतेका चलन अनुसार निस्तार पाबैनके अबसरमे तै दिन रोमी सासक एकटा कैदी छोइरदेबे परैछेलै।]
हरेक साल निस्तार पाबैनके अबसरमे बडा हाकिम लोकसबके मन मुताबिक एकटा कैदी छोइरदैछेलै।
तै खातिर आब हम अकरा दन्ड द्याके छोइर दैचियै।”
महज सब लोकसब हल्ला कैरके कहल्कै, “अकरा मारैये परतै! बरु हमरासबके खातिर बारब्बाके छोइरदियौ!”
तब हरेक बरिस निस्तार पाबैनके अबसरमे पिलातस लोकसबके माङ अनुसार एकटा कैदीके छोरै छेलै।
निस्तार पाबैनमे तोरासबके चलन अनुसार हमरा तोरासबके खातिर एक गोरे कैदीके छोइरदैके छै। तैखातिर हम ‘यहुदीसबके रजाके’ छोइरदेबौ से चाहैचिही?”