44 ओकर हिरदय एकदम दुखसे भरल छेलै, तब उ धियानसे परथना करे लाग्लै, तै बखत ओकर पसिना लहुके बरका-बरका ठोप जखा भुइयामे चुबै छेलै।
येसु अइ सन्सारमे रहैतकाल मिरतुसे बचाबेबला परमेस्वरसङे जोरसे कानैत बिन्ती आ परथना करल्कै। ओकर नमरता आ भक्तीके कारन ओकर परथना परमेस्वर सुनल्कै।
परमेस्वर आपने निज बेटाके बचाके नै राखल्कै, महज ओकरा अपनेसबके लेल देल्कै त, कि उ अपनासबके जम्मे चिज ओकरसङे नै देतै से?
“आब हमर मन बेचैन भेल छै, हम कथी कहु? कि हम यि कहबै ‘हे परमेस्वर पिता, आबैबला दुखसे हमरा बचाबु’? नै, एह्या कारनसे हम अइ समयतक आइबगेलियै।
येसु परथनासे उठके चेलासब बैठलहा जगहमे गेलै ओते उसब चिन्ता फिकिरसे थाइकके सुतल छेलै।