33 स्वरग आ पिरथिबी खतम भ्याजेतै, महज हमर बचन रहबे करतै।”
स्वरग आ पिरथिबी बित जेतै, महज हमर बचन रहबे करतै।”
स्वरग आ पिरथिबी बित जेतै, महज हमर बचन रहबे करतै।
कथिलेत साँचे हम तोरासबके कहैचियौ, जबतक स्वरग आ पिरथिबी खतम नै हेतै तबतक बेबस्थामे लिखल बात बिना पुरा भेने छोटसे छोट बुन्का ओकर एकोटा आछर तक नै बुताइतौ।
महज परभुके बचन सबदिन रहैछै।” एह्या बचन तोरासबके परचार करलगेल सुसमाचार चियौ।
तकरबाद हम एकटा बरका उजर सिंहासन आ ओइमे बैठैबलाके देखलियै। पिरथिबी आ अकास ओकर सामनेसे भाग्लै आ उसब फेनसे कहियो नै देखा परलै।
अकास आ पिरथिबी हरेनाइसे बेसी परमेस्वरके बेबस्थामे लिखल एकोटा अक्छर हराइले कठिनछै।
साच्चे हम तोरासबके कहैचियौ, जाबेतक यि सब बातसब पुरा नै हेतै ताबेतक यि पुस्ताके अन्त नै हेतै।