13 तब ओहै बखत औरो बहुतेकरा स्वरगदुतसब ओइठाम देखा परलै तब परमेस्वरके परसन्सा करैत कहल्कै,
तब हम देखलियै त बहुतो स्वरगदुतसब गित गाबैत रहै, जेसब सिंहासन, चारु जिबित परानी आ धरमगुरुके चारुदिसन ठारभेल छेलै, जकर गन्ती लाखो-लाख आ करोरोमे छेलै।
स्वरगदुतसब त परमेस्वरके सेबा करैबला आत्मासब चियै। परमेस्वर ओकरासबके मुक्ती पाबैबला लोकसबके सहायता करैके लेल पठाइनेछै।
हम तोरासबके कहैचियौ, अहिनङे पस्चाताव करैबला पापीके लेल स्वरगमे परमेस्वर स्वरगदुतसबके अगा खुसी मनाबैछै।”
अहिनङके मन्डलीसे परमेस्वरके सब किसिमके ग्यान स्वरगके ठामसबके सासकसब आ अधिकारीसबके बिचमे परकट करे।
तै बखत अगमबक्तासबके करलहा यि सेबा ओइसबके फाइदाके खातिर नै महज तोरेसबके खातिर चियौ कैहके परमेस्वर ओइ अगमबक्तासबके देखाइने छेलै। यि बात स्वरगसे पठेल्हा पबितर आत्माके सक्तीसे सुसमाचार सुनाबैबला दुवारा अखैन तोरासबके घोसना करनेछौ। यि बात स्वरगदुतोसब जानैले चाहैछै।
तोरासबके लेल ओकरा चिनहैबाला चेन्हा यि हेतौ, एकटा बालक गुदरीसे लपेटल आ नाइदमे सुतल भेटतौ।”
“स्वरगमे परमेस्वरके महिमा आ पिरथिबीमे जै लोकसबसे परमेस्वर खुसीछै, ओकरासबके सान्ती।”
परमेस्वरके परकट करल सत्यके सन्देस अचमके चियै आ अकरा कोइ नै इन्कार करे सक्तै। खिरिस्ट मानब बैनके परगट भेलै आ पबितर आत्मासे धरमी ठहरल गेलै। स्वरगदुतसब ओकरा देखल्कै आ जाती-जातीके बिचमे ओकर बारेमे परचार भेलै। सन्सारमे लोकसब ओकरा बिस्बास करल्कै आ उ महिमाके सङे स्वरगमे उठ्यालगेलै।