30 महज अहाँके सम्पैत रन्डीवाजमे उराइबला बेटा एल त बरका मोटगरहा खसी काइटके भोज करलियै।’
फरिसी ठार भ्याके परथना करल्कै, ‘हे परमेस्वर, हम अहाँके धन्यबाद चरहाइचियै कथिलेत हम औरो लोकसब जखा लोभी, पापी, बेबिचारी आ यि बटीयो उठाइबला जखा नै चियै।
महज अपनासबके खुसी हेबैये परतै, कथिलेत तोहर यि भाइ मरल जखा छेलौ, जियल छौ, हर्याल छेलौ, भेटलौ।’”
कथिलेत औरो लोकसब बेसी भेल उबरल-पुगरलमेसे दान करने छै महज यि बिधुवा त आपन जिबन चलाइबला सरा कमाइ चरहाइने छै।”
महज उ बाबुके कहल्कै, ‘देखु, अतहेक बरिससे हम अहाँके नोकर जखा सेबा कैररहलचियै, अहाँके बात कहियो नै काटने चियै, तैयो हमरा आपन सङि-साथीसब सङे भोज खाइले अहाँ कहियो नै हमरा एकटा पठरुवो तक देलियै।
तब बाबुजी कहल्कै, ‘बेटा तु त हमरसङे सबदिन चिहीके, हमर सब समपैत तोरे त चियौ।