तकरबाद हम ताकलियै त कोइ नै गनैले सकैबला लोकसबके एकटा बरका भिर देखलियै। उसब हरेक जाती, हरेक कुल, हरेक देस आ हरेक भसाके लोक छेलै। उसब उजर बस्तर पिन्हके हाथमे खजुरके ठाइर लेके सिंहासन आ थुमाके अगा ठारभेल हम देखलियै।
‘जकरा कान छै, उ पबितर आत्मा मन्डलीसबके कथी कहैछै से बात सुने। जे जित हासिल करतै, तकरा हम गुप्तमे भेल खाइबला मन्न देबै। हम ओकरासबके एकटा उजर पथल देबै, जैमे लया नाम लिखल रहतै। यि उजर पथल पाबैबला मातरे उ नाम जान्तै।’”