15 तब उ ओइ देसके एकटा लोकसे काम माङल्कै। उ लोक ओकरा आपन खेतमे सुगर चराइले पठाइल्कै।
कथिलेकी अपनोसब एकबेर मुरुख, ककरो कहल नै मानैबला आ भुलमे परल छेलियै। बहुतो तरहके देहके खराब इक्छासब आ भोगबिलासमे फसल छेलियै। अपनासब दुस्ट आ डाहके जिबन बिताबै छेलियै। अपनासब दोसरके घिरना करैत रहियै त उहोसब अपनासबके घिरना करैछेलै।
आब तुसब पापके बन्धनसे छुटकरा पाइबके परमेस्वरके दास भेलचिही। ओइसे तोरासबके पबितर बनाइतौ आ तुसब अनन्त जिबन पाबबिही।
“कुछ दिनके बाद छोटका बेटा सब धन-समपैत जमा कैरके दोसर देस चैलगेलै आ ओते उ आपन मौज-मस्तीमे खा-पिके सब समपैत उराइल्कै।
“पबितर चिज कुतासबके नै दहै, नै त घुइमके तोरे धरतौ आ आपन हिरा-मोती सुगरसबके अगा नै फेक, नै त उसब आपन तरबासे ओइसबके मिसैर देतौ।
उ सब टका-पैसा खरच कैरलेने छेलै। तहै बखत ओइ देसमे बरका रौदी भेलै आ ओकरा सब चिजके दुख तकलिफ हेबे लाग्लै।
उ सुगरके खाइबला आहारासे आपन पेट भरैले ताकैछेलै, महज ओकरा कोइ नै कुछो दैछेलै।