58 कोइ तोहर उपर झगरा लग्याके पन्च लग लजाइत खिना रस्तेमे मिलैके कोसिस कर। नै त उ तोरा पन्चके अगा लेजाइतौ आ पन्च तोरा सिपाहीके जिमा लगाइतौ आ सिपाही तोरा जहलमे ढोइकदेतौ।
महज उ नै मानल्कै आ करजा नै सधाबै तक ओकरा जहलमे राइख देल्कै।
कथिलेत परमेस्वर कहैछै, “ठिक समयमे हम तोरासबके पुकारा सुनलियौ आ उदार दैबला दिनमे हम तोरासबके मदत करलियौ।” देख, परमेस्वरके ठिक समय त यह्या चियौ, उदार पाबैबला दिन आजुवे चियौ।
जब एक हजार बरिस पुरा हेतै तब सैतानके ओकर कैदसे मुक्त कैरदेतै।
उ वह्या पबितर आत्माके सक्तीसे कैदमे परलहा आत्मासबके परचार करल्कै।
हम मैरके गेलाके बादो तुसब यि बातसब याद कर कैहके हम सके जतहेक कोसिस कैर रहलचियै।
हे पिरिय भाइ-भैयासब, तोरासबके आ अपनासबके भेटल मुक्तीके बारेमे हमरा लिखैले बहौत बरका इक्छा छेलै, महज आब पबितर जनसबके सबदिनके लेल सोपल बिस्बासके रक्छा कर कैहके निबेदन करैले तोरासबके लिखैले हम आबसेक बुझलियै।