महज पबितर धरमसास्तरमे एहेन लिखलछै, “आँखसे नै देखलहा आ कानसे नै सुनलहा आ लोकके मनमे नै चितेल्हा, एह्या बात परमेस्वर ओकरा परेम करैबलासबके लेल तयार करने छै।”
“देख, हम चोर जखा अनचेकेमे एबौ। उ लोक धैनके चियै, जे जागल रहैछै आ आपन बस्तरके जोग्याके राखैछै। उ लोकके नाङटे चले नै परतै आ लोकसबके बिचमे लाजमे नै परतै!”