48 तै खातिर तुसब आपन पितापुरखाके साक्छी भ्याके सहमत हैचिही, कथिलेत उसब अगमबक्तासबके मारल्कै आ तुसब ओकरासबके लेल चिहान बनाइबिही।
हे भाइ-भैयासब, दुख कस्टमे धिरज कैरके सहैबला आ परभुके नाउमे बचन बोलैबला अगमबक्तासबके याद कर।
अहै तरहसे तुसब अपने साक्छी द्यारहलचिही कि तुसब परमेस्वरके अगमबक्ताके हतिया करैबलासबके सन्तान चिही।
“तुहे धरमगुरुसब आ फरिसीसबके धिक्कार! तुसब कपटी चिही! कथिलेत तुसब चुनासे पोतल चिहानसब जखा चिही, जे बाहरसे त सुन्दर देखाइछै, महज ओकर भितरमे मुरदाके हडी आ सरल चिजसे भरल रहैछै।
“तोरासबके धिक्कार! कथिलेत तोरासबके पुरखासब मारनेरहै तै अगमबक्तासबके लेल चिहान बनाइचिही।
अहै खातिर सबकुछ जानैबला परमेस्वर कहल्कै, ‘हम तोरासबके लगमे अगमबक्ता आ परेरितसबके पठाइबौ। महज ओइमेसे ककरो मारबिही त ककरो सताइबिही।’
एहेन लोक मिरतुके योग्यके हैछै कैहके परमेस्वरके धारमिक नियम जानियोके उसब यि कामसब करैछै। ओतबे नै, वोहन काम करैबलासबके औरो उस्काबैछै।