67 तब ओकर बाबु जकरिया पबितर आत्मासे भैरके अगमबानी बोले लाग्लै,
जब एलिसिबा मरियमके गोरलगी सुनल्कै तब ओकर कोइखके बच्चा चलेलाग्लै आ एलिसिबा पबितर आत्मासे भरपुर भ्याके,
कथिलेत परभुके नजरमे उ महान हेतै। उ कहियो नै अङगुरके मध आ दोसर कोनो निसाबला चिज छुबतै। उ जलमैसे पहिने पबितर आत्मासे भरल रहतै।
कथिलेत अगमबक्तासब आपन मनसे अगमबानी नै करल्कै, महज पबितर आत्माके परेरनासे उसब परमेस्वरके तरफसे बोल्नेछेलै।
तब उ सबगोरे पबितर आत्मासे भरलै आ पबितर आत्माके सक्तिसे उसब आन भसासबमे बोले लाग्लै।
उसब जे बोइलरहलछै से बात अपनासब कनङके आपन-आपन मातरी भसामे सुइनरहल चियै?
तब हननिया गेलै आ ओइ घरमे ढुइकके साउल उपर हाथ राइखके कहल्कै, “भाइ साउल, तोहे आबैतखिना जे परभु येसु तोरा रस्तामे दरसन देने छेलौ, ओह्या हमरा तोहर खातिर तु देखे पाबबिही आ पबितर आत्मासे भरपुर हेब्ही कैहके हमरा पठाइने छै।”