51 उ आपन बाइहके तागत परगट करने छै। उ हिरदय भितरके बिचारमे घमन्ड करैबलासबके तितर-बितर कैरदेनेछै।
कथिलेत उसब परमेस्वरके चिन्हीयोके ओकरा आदर नै करल्कै, नै त धन्यबाद देल्कै, महज उसब आपन बिचारमे बेकम्मा भेलै आ ओइसबके मुरुख हिरदय औरो अन्हारसे भरलै।
तैखातिर एके दिनमे ओकर उपर मिरतु, सोक, अकाल जखा बिपतसब एतै आ आइग ओकरा नास करतै। कथिलेत ओकरा नियाइ करैबला परमेस्वर सक्तिसाली छै।”
तहिनङे जबानसब, बुढ लोकसबके अधिनमे रह। तुसब नम्र भ्याके एक दोसरके सेबा कर। कथिलेकी पबितर धरमसास्तरमे लिखल छै कि, “परमेस्वर घमन्डी लोकसबके बिरोध करैछै, महज नम्र लोकसबके अनुगरह करैछै।”
परमेस्वरके सत ग्यानके बिरोधमे उठैबला बहस आ घमन्डसे भरल बाधाके हमसब नास करैचियै आ सब खराब बिचारके खिरिस्टके आग्यापालन कराबैले बसमे करैचियै।