49 कथिलेत सक्तिसाली परमेस्वर हमर खातिर महान काम करने छै। ओकर नाम पबितर छै।
अपनासबके भितर काम करैबला सक्तीसे अपनासबके माङलहा आ सोचलहासे बेसी कैरके परमेस्वर दैले सक्तै।
हे परभु, अहाँके डर के नै मानैछै? आ अहाँके नामके महिमा के नै करैछै? कथिलेकी अहाँ मातरे पबितर चियै। सब जातीके लोकसब आइबके अहाँके अगा आराधना करतै, कथिलेत अहाँके धारमिक कामसब परकट भेलछै।”
उ चारु परानीके छ-छटा डेन छेलै आ डेनके बाहर आ भितरमे आँखसे झापल छेलै। दिनरात उसब नै थाकैत पिराइत अनङ गाबैत रहैछै। “सरबसक्तिमान परमेस्वर पबितर, पबितर, पबितर चियै। उ छेलै, उ छै आ उ रहतै।”
तब येसु ओइसबके जाइले आग्या देल्कै आ भुत आत्मासब बाहर निकैलके सुगरसबके भितर ढुक्लै, तब दुइ हजार सुगरसबके जेर पहाड़से समुन्दर दिसन हरैक गेलै आ समुन्दरमे डुइबके मैरगेलै।
कथिलेत उ त हमर जखा निच दासिके दुखमे किरपा करने छै, आबसे साँचोके सब पुस्ताके लोकसब हमरा धैनके कहतै।
ओकर आदर करैबलासबके उपर ओकर किरपा पुस्तोतक रहतै।