21 यि सुइनके उसब खुसिसाथ ओकरा नाहमे चरहेल्कै आ उसबके जाइबला ठाममे नाह तुरन्ते पुग्लै।
तब येसु नाहमे चहरलै आ अन्हर-बिहार सान्त भेलै। तब ओकर चेलासब एकदम छक परलै।
देख, हम केबारके देहरीमे ठार भ्याके ढकढकाइबौ। कोइ हमर सोर सुनके केबार खोइलदेतै त, हम ओकर कते भितर एबै आ ओकरसङे भोजन खेबै आ उ हमरसङे भोजन खेतै।
महज येसु ओइसबके कहल्कै, “हम्ही चियौ, नै डरा।”
तालके कातमे एकेटा नाह मातरे छेलै आ आपन चेलासबसङे येसु ओइ नाहमे नै चरहल रहै, महज ओकर चेलासब मातरे चरहल छेलै कैहके तालके ओइपार ठारभेल लोकसबके काइलखिनाके भोरे याद परलै।