11 जब टहटह रौद लागैछै तब फुलाके गाछ मुरझा जाइछै। एहैन लोभ लागैबला फुल त झैरजाइछै आ ओकर सोभा हर्याजाइछै। ओहिनङ कैरके कामकाजमे दौर धुप कैरते कैरते धनिक लोकसबके जिबन बित जाइछै।
महज टह-टह रौद उग्लाके बाद टुसासब मौरागेलै आ सिर नै लग्लाके कारन उ लटुवागेलै।
महज टह-टह रौद उग्लाके बाद टुसासब मौरागेलै आ सिर नै लग्लाके कारन उ सुइखगेलै।
जब परधान चरबाहा परगट हेतै, तब तुसब सबदिन चम्कैबला मुकुट पाबबिही जकर सोभा कहियो नै घटतौ।
स्वरगमे तोरासबके खातिर सैतके राखल उतराधिकार कहियो नास नै हैबला, नै सरैबला आ नै मुरझाइबला जखाछै।
जेसब सन्सारके चिज-बिज उपभोग करैछै उसब तैके कोनो वस्ते नै करल जखा करे, कथिलेत अइ सन्सारके चिजसब नास भ्यारहल छै।
जब परमेस्वर चौरीके घास, जे आइ छै काइलके आइगमे जराएल जेतै, तकरा अहिनङ सिङारैछै त, ए कमजोर बिस्बास करैबलासब कि तोरासबके औरो बेसीसे नै सिङगारतौ?
उसब कहेलाग्लै, ‘यि पाछे एल्हासब एक घन्टा मातरे काम करल्कै, हमसब त घामे-पसिने मैर-मैरके दिनभैर खटलचियै! महज अहाँ ओहोसबके बराबरे बैन देलियै।’