अपनासबके बिस्बास सुरु करैबला आ पुरा करैबला येसुके देख। जे पाछुसे पाबैबला आनन्दके लेल अपमानके कुछो नै सोइचके कुरूसमे दुख भोगल्कै आ अखैन उ परमेस्वरके सिंहासनके दहिनाकात बैठलछै।
हमरासबके थाहछै कि हमसबके यि बास करल नासबान देह पाल जखा चियै, जे एक दिन नास हेतै तैयो परमेस्वरके देल देह स्वरगमे अनन्ततक रहैबला घर जखा हेतै, जे लोकके हाथसे नै बनलछै।