23 जे चिज स्वरगके चिजसबके परतिरुप मातरे छेलै यदि ओकरा सुध करैले एहैन किसिमके बिधीके आबस्यक छेलै त, स्वरगके चिजसबके सुध करैले ओहौसे असल बलिदानके आबस्यक छेलै।
कथिलेत बछा आ छागरसबके लहुसे पाप मेटाइले नै सक्तै।
खिरिस्टके लहुसे औरो कतेक बेसीसे तोरासबके बिबेकके मरल कामसबसे सुध करतौ ताकि तुसब जिबित परमेस्वरके सेबा करैले सक। कथिलेत उ अनन्त आत्मासे आपनेके दाग नै लागल बलिके रुपमे परमेस्वरके अरपन करल्कै।
खिरिस्ट त लोकसबके हाथसे बनल पबितर ठाममे नै ढुकलै, जे सत पबितर ठामके नमुना मातरे चियै, महज उ स्वरग भितर ढुकलै आ अखुन अपनासबके लेल परमेस्वरके अगा ठारभेल छै।
ओइसबके करैबला काम त स्वरगमे भेल बातके नकल आ छाह मातरे चियै। कथिलेत मोसा पबितर पाल बनाइ बखत परमेस्वरसे एहेन आग्या पाबने छेलै, “देख, पहारमे तोरा देख्याल नमुना बमोजिम तु सबचिज बनाइहे।”
उसब अनङ कहैत एकटा लया गित गाबल्कै, “यि कागतके मुठा लैले आ अकर लाहटके तोरेके योग्य अहाँ मातरे चियै, अहाँ मारल गेलियै आ आपन लहुसे अहाँ परमेस्वरके लेल सब कुल, भसा, जाती आ देसके लोकसबके छुटकरा देलियै।
यि सब पछा आबैबला बातसबके छाह मातरे छेलै महज बास्तबिक बात त खिरिस्टे चियै।
आ उसबके कहल्कै, “पबितर धरमसास्तरमे एहेन लिखल छै, मुक्ती दैबला खिरिस्टके दुख भोग्नाइ आ तेसर दिनमे जिके उठनाइ जरुरी छै,
कि खिरिस्टके यि सब दुख काइटके आपन महिमाके खातिर जाइसे पहिने जरुरी नै छेलै त?”
मोसाके बेबस्था आबैबला उतम बातसबके खास रुप नै चियै, महज उ त छाह मातरे चियै। ओहैसे साले-साल चरहाइबला एके किसिमके बलीसे परमेस्वरके लग आबैबला लोकसबके सिध करैले नै सक्तै।
हम ज्याके तोरासबके खातिर ठाम तयार करलाके बाद फेनो एबौ आ तोरासबके आपनलग ल्याजेबौ, तैल्याके हम जते रहैचियै ओतै तुहुसब हमरसङे रहबिही।
तै खातिर अहाँसब आ महासभा मिलके सेनापतीके निबेदन करु कि, ओकर मुदाके निरनय औरो निकसे करे परतै कैहके बहाना बनाके ओकरा अते आन। तब अते उ आबैसे पहिने हमसब ओकरा जानसे माइर देबै।”