11 सब किसीमके अनुसासन सुरुमे सुखद नै हैछै महज पिरा दायक हैछै। अनङ तालिम पाबलहासब धारमिक जिबन जियैछै आ औरोसङे मेलमिलापमे रहैछै।
अपनासबके अखैन भोगल दुख पछा आबैबला बरका अनन्तके सुख समैझके त साँचे यि कुछो नै चियै।
यि तोरासबके लेल बहौत खुसीके बात चियौ, ओनङ त, अखैन कुछ समयके लेल तरासबके बहौत परकारके कस्ट भोगेपरल छौ।
अपनासबके सारिरीक बाबु त ओकरासबके असल लागल अनुसार अपनासबके सुधार करैके लेल कुछदिन सजाय दैछै, महज अपनासबके परमेस्वर पिता अपनासबके भलाइ हेबे आ अपनासब ओकरे जखा पबितर हैले सकै कैहके सुधार करैके लेल सजाय दैछै।
ठोस भोजन खाइबला परिपक्क लोक रहैछै। उसब दिमागके निरन्तर अभ्यास दुवारा असल आ खराब छुटियाबे सकैबला भेल रहैछै।
कथिलेत परमेस्वरके राज खाइ-पियैबला चिज नै, महज पबितर आत्मासे आबैबला धारमिकता, सान्ती आ आनन्द चियै।
ओइसबके आँख बेबिचारसे भरल रहैछै आ कतबो पाप करैछै तैयो नै मन भरैछै। उसब चनचल मन भेल्हासबके फुस्यालैछै। ओकरसबके मन लोभसे भरल रहैछै। ओहैसे परमेस्वरके सराप ओइसबके उपरमे परलछै।
आब त परमेस्वर हमर खातिर धारमिकताके मुकुट राखनेछै। जे पुरस्कार धारमिकताके नियाय करैबला परभु ओइ दिन हमरा देतै, उ हमरा मातरे नै महज जेसब तन-मनसे ओकर आबैबला बाट ताकैछै ओइसबके लग्यादेतै।