21 उ परमेस्वरके घरमे अधिकार पाबल अपनासबके परधान पुजारी चियै।
ओहैसे सब बातमे उ आपन भाइ-भैयासब जखा बनैले आबस्यक छेलै। ताकि उ परमेस्वरके सेबामे दयालु आ बिस्बासयोग्य परधान पुजारी बन्लै आ लोकसबके पाप छमा दैकेलेल उ आपने बली भेलै।
हमसब यि बात कहैले चाहैचियै कि, अपनासबके एहेन परधान पुजारी छै, जे स्वरगके महान परमेस्वरके सिंहासनके दहिनाकात बिराजमान छै।
अपनासबसे लेल येसु त पहिने ओइ ठाममे गेल छै। मल्कीसेदेक पुजारी जखा उ सबदिनके लेल अपनासबके खातिर परधान पुजारी भेलछै।
अपनासबके लेल अहिनङे परधान पुजारीके आबसेक्ता छै। जे पबितर, निरदोस, सुधछै। परमेस्वर ओकरा पापी लोकसबसे छुटियाके सबसे उपर स्वरगमे राखल्कै।
ओहैसे परमेस्वरके बोलाबट पाबलहा पबितर जनसब, तुसब आपन धियान येसुमे लगा, जकरा अपनासब परेरित आ परधान पुजारी कैहके सुइकार करैचियै।
यदी हमरा आबैमे देर हेतै त, परमेस्वरके परिबारमे भेल लोकसबके चाल-चलन केहेन रहैके चाही से जाइनले। यि परिबार त जिबित परमेस्वरके मन्डली अरथात सतके खम्हा आ जग चियै।
आब हम तोरा कहैचियौ, हम तोहर नाम पतरुस राखैचियौ। हम एह्या चटानमे आपन मन्डली स्थापना करबै आ नरकके सक्तिसब ओइमे बिजय नै हेबे सक्तै।