26 हमसबके एक-दोसरसङे घमन्ड, रिस आ डाह नै करैके चाही।
महज तुसब त घमन्डी भ्याके आपन बन्याल योजनामे खुब धाख लगाइचिही। एहेन घमन्ड करनाइ निक बात नै चियै।
तुसब एक-दोसरके आपन बोलिसे जङली जानबर जखा दात काटैचिही आ नोच-नाच करैचिही त होस कर, नै त एक-दोसरके नास करबिही।
तैखातिर बिया छिटैबला आ पानी पटाबैबला बरका नै चियै, महज बरहाबैबला परमेस्वरे सबसे बरका चियै।
तैल्याके तुसब बियाह भोज जेबिही त सबसे निचा जगहमे बैठ आ नौता दैबला लोक आइबके तोरा कहतौ, ‘ए साथी, उपरमे आइबके बैठ।’ ओइ बखत तोहर सङे खाइले बैठल लोकसबके अगा तोहर इजत हेतौ।
तहिनङे जबानसब, बुढ लोकसबके अधिनमे रह। तुसब नम्र भ्याके एक दोसरके सेबा कर। कथिलेकी पबितर धरमसास्तरमे लिखल छै कि, “परमेस्वर घमन्डी लोकसबके बिरोध करैछै, महज नम्र लोकसबके अनुगरह करैछै।”
सुरुमे हम तोरासबके सुसमाचार परचार कैरके माकेडोनिया परदेससे जाइले लागलियै त हमरा सहायता करैबला मन्डली तुहिसब मातरे छेल्ही। यि बात तु फिलिप्पी सबके थाहे छौ।