27 पबितर धरमसास्तरमे एहेन लिखल छै, “हे बेटा-बेटी नै जलमाइबाली बाइझ खुसी मना, बचा जलमैत खिनाके दुख नै भोगलहासब, मन खोइलके गित गाब, कथिलेत घरबला हैबलासे नै हैबलाके बहौत धियापुता हेतौ।”
जै मसोमातनीके देखभाल करैबला कोइ नै छै, से मसोमातनी त आपन भरोसा परमेस्वरमे राखने रहैछै। उ दिन रात परमेस्वरमे बिन्तीभाव करैत रहैछै।
हमर धियापुतासब, तोरासबमे जाबे तलिक खिरिस्टके स्वभाब नै बन्तौ ताबे तलिक हम फेनो जलमासोचके पिरा जखा दुख सहैत रहबौ।