32 यि बहौत बरका रहसके बात चियै। हम एह्या बात खिरिस्ट आ मन्डलीके समबन्धमे बोलैचियै।
तब हम परमेस्वरसे बरके लेल कनिया जखा सिङगार-पटार करल, अरथात पबितर सहर, लया यरुसलेम, स्वरगसे निचा आबैत देखलियै।
परमेस्वर तोरासबके करल वास्ता जखा हम्हु तोरासबके वास्ता करैचियौ, कथिलेकी हम त एक मातरे बर खिरिस्टसङे तोरासबके बियाह कैरदैके परतिग्या करनेचियौ। ओहैसे तोरासबके ओकर पबितर कुमाइर कनियाके रुपमे कनियादान करैके बिचार करनेचियौ।
हम अनङ करनेचियै ताकी ओइसबके हिरदयमे साहस मिले आ परेममे सङे जुरल रहे। अनङ हेतै त उसब आत्मिक रुपसे एकदमसे धनिक भ्याके परमेस्वरके रहसके ग्यान जे येसु खिरिस्ट चियै ओकरा पुरा रुपसे बुझैले सक्तै।
परमेस्वरके परकट करल सत्यके सन्देस अचमके चियै आ अकरा कोइ नै इन्कार करे सक्तै। खिरिस्ट मानब बैनके परगट भेलै आ पबितर आत्मासे धरमी ठहरल गेलै। स्वरगदुतसब ओकरा देखल्कै आ जाती-जातीके बिचमे ओकर बारेमे परचार भेलै। सन्सारमे लोकसब ओकरा बिस्बास करल्कै आ उ महिमाके सङे स्वरगमे उठ्यालगेलै।
जकरसङे कनिया छै वह्या बर चियै। बरसङे ठार हैबला बरेके अबाज सुइनके बहौत खुसी हैछै। अहैलेल हमर यि खुसी आब पुरा भेलछै।
हमरो खातिर परथना कर। जखुन हम बाजैके लेल आपन मुह खोल्बै तखुन परमेस्वर हमरा बचन देबे आ हम निडर भ्याके सुसमाचारके रहस दोसरके बुझ्हाबे सकी।
तहिनङे मन्डलीमे सेबा करैबला डिकन निक चालचलनके लोक हैकेचाही। उसब साँच-साँच बोलैबला, दाख मध नै पियैबला आ पैसा-कौरीके लोभ-लालच नै करैबला हैकेचाही।
पबितर धरमसास्तरमे लिखल छै, “अहैलेल लोक आपन बाप-महताइर छोइरके आपन घरबालीसङे एक हैछै आ उ दुनु मिलके एके देह हैछै।”
चाहे जे हेबे, तुसब आपन-आपन घरबालीसबके आपने जखा परेम करे परतौ आ घरबालीयोसब आपन-आपन घरबलाके आदर करे परतौ।