अहाँ सब चिज ओकरे अधिनमे राइखदेनेचियै।” परमेस्वर “सब चिज ओकरे अधिनमे लाइबदेल्कै” अकर अरथ यि चियै कि लोकके अधिनसे कोनो चिज बाहर नै छै। महज अखुनके समयमे हमसब यि बात लोकके अधिनमे भेल नै देखैचियै।
अहिनङ यिसब त आपन सिर, जे खिरिस्ट चियै, ओकरसङे कोनो समबन्ध नै राखैछै। खिरिस्ट देहके सिर चियै जे पुरे देहके हटाकटा बनाबैछै, एहैन कैरके देह, गिरह-गिरह आ नसा-नसासब जुटैत परमेस्वरेके योजना अनुसार बरहैत-बरहैत जाइछै।