20 हे धियापुतासब, तुसब हरदम आपन बाप-महताइरके कहल सब बातसब मान कथिलेत अनङ करलासे परभु खुस हैछै।
तोरासबके हर परकारके असल गुनसबसे भरिपुरन करे आ तुसब ओकर इक्छा पुरा करैले सक। परमेस्वरके जे मन परैबलाछै से येसु खिरिस्ट दुवारा उ तोरासबमे करे। ओकर महिमा जुगो जुग तलिक रहे। आमेन।
तब तुसब परभुके मनपरैबला जिबन बिताके ओकरा खुसी करैले सकबिही। सब असल काममे तुसब फल फराइत परमेस्वरके ग्यानमे बैढते जेब्ही।
आपन माँ-बाबुके आदर कर आ आपन परोसियाके आपने जखा परेम कर।”
नोकरसब सेहो आपन आपन मालिकके अधिनमे रैहके ओइसबके सब काममे खुस करौक, मुह-मुहे नै लागौक।
जहिनङे मन्डली खिरिस्टके अधिनमे छै, तहिनङे घरबालीयोसब, सब बातमे आपन-आपन घरबलासबके अधिनमे रहे।
हम पाबैबलासे बेसी पाबनेचियै। इपाफोरोडिटसके हाथसे पठ्याल तोरासबके गमगम करैबला, परमेस्वरके मनपरैबला आ गरहन योग्य भेटी पाइबके हम सन्तुस्ट भेलचियै।
हे दाससब, तुसब आपन मालिकसबके कहल सब बातसब मान। मालिकसबके खुसी करेके बिचारसे आँखके अगा मातरे नै महज परभुके डर राइखके सोझ मनसे काम कर।