28 ओतेसे उ घुमै बखत आपन रथमे बैठके पबितर धरमसास्तरमे यसैया अगमबक्ताके लिखल किताब परहैतरहै।
खिरिस्टके बचनसे तोरासबके हिरदय परसस्त कैरके भरल रहे। आपन पुरे ग्यान-बुइधसे एक दोसरके सिखा आ सल्लाह दैबला काम कर। परमेस्वरके हिरदयसे धन्यबाद दैत भजन, इस्तुति-परसन्सा आ आत्मिक गितसब गाब।
उसब एकदोसरमे बताबती करे लाग्लै आ ओतेसे बिदा हैबखत पावल ओइसबके अहिना कहल्कै, “पबितर आत्मा तोरासबके पुरखासबके कहल बात साँचे छै कथिलेत यसैया अगमबक्तासे उ एहेन कहल्कै-
तब ओकरा यसैया अगमबक्ताके लिखल किताब परहैले देल्कै आ किताब खोइलके एहेन लिखल पन्ना निकालके परहल्कै,
ऐहनङे यसैया अगमबानी करैबलाके लिखल किताबके बातसब, “उजार जगहमे एकटा लोक जोरसे कैहरहल छै, ‘परभु आबैबला रस्ता दुरुस कर, उ चलैबला रस्तासब सोझ कर!
तब फिलिप उइठके गेलै आ उ इथियोपिया देसके एकटा नपुन्सकके भेटलै। जे इथियोपिया देसके महरानी कनदाकीके बडा हाकिम रहै जे पुरे सम्पतिके रेखदेख करै। उ आराधना करैले यरुसलेम गेल रहै।
तहै बखत पबितर आत्मा फिलिपके कहल्कै, “अगा बैढके ओइ रथके सङे-सङे जो।”