34 महज बेबस्थाके पन्डित आ लोकसबमे फरिसी पन्थके एक गोरा नाम चलल गमलिएल महासभामे उइठके परेरितसबके कुछदेर बाहर जाइले आग्या करल्कै,
तब पावल कहल्कै, “हम किलिकियाके टारसस सहरमे जलमल यहुदी चियै, महज हमर अहै यहुदी सहरमे गुरु जी गमलिएलके चरनमे सिक्छा-दिक्छा भेलै। हमसब पिते-पुरखासे मानैत ऐल धरमसास्तरके सिक्छा हम असलसे सिख्ने चियै। आइ अहाँसब परमेस्वरिय सेबा परति जतहेक उत्साह देखेने चियै, हम्हु ओतबेहेक उत्साह देखेने रहियै।
खोज्ते-खोज्ते तिन दिनके बाद उसब येसुके परमेस्वरके मन्दिरमे देखल्कै। ओते उ धरमगुरुसब सङे बैठके बात सुनै आ परस्न करैछेलै।
एक दिन येसु लोकसबके सिक्छा दैत रहै तै जगह गालिल आ यहुदियाके सब गाम, यरुसलेमसे ऐल्हा फरिसीसब आ यहुदी सास्तरीसब लगमे बैठल छेलै। बिमारीसबके निक करैबला परभु परमेस्वरके सक्ती येसुके साथमे छेलै।
अहैले उसब पतरुस आ युहन्नाके महासभासे बाहर निक्लैले आग्या करल्कै, तब उसब आपनमे बात-चित करल्कै,
तब येसु जबाब देल्कै, “तु त इजराएलके गुरु चिही, तैयो यि बात नै बुझैचिही?
यि सुनलाके बाद उसब अनगुते मन्दिरमे गेलै आ उपदेस देबेलाग्लै। महज मुल पुजारी आ ओकरसङे रहैबलासब एलै, महासभामे भेल्हा सब इजराएलीसबके बोलाइल्कै आ परेरितसबके जहलसे लाबैले लोकसबके पठेल्कै।
उसब परेरितसबके आइनके महासभाके अगामे ठडा करेल्कै आ मुल पुजारीसब ओइसबके पुछल्कै,
आ उ महासभाके लोकसबके कहल्कै, “हे इजराएलीसब, यि लोकसबके तोरौरके जे करैले चाहैचिही से सोच बिचार कैरके कर।