2 आ घरबालीके सहमतमे जमिन बेचल्हा कुछ पैसा आपनसङे राखल्कै आ औरो बाकी पैसा आइनके परेरितसबके अगा राइख देल्कै।
उ आपन जमिन बेचल पैसा परेरितसबके चरनमे राइखदेल्कै।
तब पतरुस कहल्कै, “ऐ हननिया, पबितर आत्मा सङे कथिले झुठ बोलैचिही, जमिन बेचलहा कन्हिक हिस्सा आपनसङे राखबै से बात सैतान कनङके तोहर मनमे भोइर देल्कौ?
उ गरिबसबके वास्ता करैबला भेलासे एहेन नै कहने छेलै कथिलेकी उ चोर छेलै आ पैसाकौरीके बटुवा ओह्या राखैछेलै आ ओहैमेसे उ चोराइ छेलै।
सबकाम उ सब देखाबैके लेल मातरे करैछै। उसब आपन हाथमे आ कपारमे बेबस्थामे लिखल बातसब जन्तरमे राइखके बान्हैछै आ आपन बस्तरमे लाम-लाम फुदनासब लगाके पिन्हैछै।
कथिलेकी सब परकारके खराबी के जैर रुपैया-पैसाके मोह चियै। कतहेक गोरा अकर पछा लाइगके बिस्बाससे पछा हैट गेलछै आ उसब आपन उपर दुख कस्ट लाबने छै।
आपन मातरे भलाइ नै खोज आ अहङकारमे कुछ नै कर, महज नमर्तामे एक दोसरके आपनसे बरका ठान।
सब बिस्बासीसब एके ठाम रहैत रहै आ ओइसबके सब चिज सझिया रहै।
हननिया नामके कोनो एक आदमी आ ओकर घरबाली सफिरा सल्लाह कैरके आपन जमिन बेचल्कै,
तब पतरुस ओकरा पुछल्कै, “हमरा कह, तुसब जमिन ओतबेहेकमे बेच्नेचिही त?” तब उ कहल्कै, “हँ ओतबेहेकमे।”