3 पावल जरना-काठी बिछके जब घुरपर राखल्कै त उ जारनमेसे आइगके धाहसे एकटा साँप निकैल्के पावलके हाथमे ओझरागेलै।
“ए साँपसब, बिखधर साँपके बच्चासब! तुसब कनङके नरकके दन्डसे भागबिही?
ए बिखधर साँपके बच्चासब! तुसब आपने दुस्ट चिही त, कनङके असल बात बोले सकबिही? कथिलेत मनके भितरमे जे बात रहैछै स्याहा बात मुहसे निकलैछै।
कि उसब खिरिस्टके सेबक चियै? हम बताह लोक जखा बोलैचियै, महज हम ओकरासबसे औरो असल सेबक चियै। ओकरासबसे त हम औरो बहौत मेहनत करनेचियै। कतहेक बेर त हम जहलमे परलियै, बहुत बेर कोर्रासे पिटाइ खेलियै आ बहुतो बेर कालके मुहसे बचल चियै।
ओतेका लोकसब पावलके हाथमे साँप ओझराल देखके एकदोसरसे कहेलाग्लै, “यि लोक पक्का हतियारा चियै, अइमे कोनो संखा नै छै। समुन्दरसे त बैचके चैलएलै महज नियाय निसाफसे दुर नै रहलै।”
हमरासबके निकसे चिन्हीयोके अनचिन्हार जखा करैछै। मरे लागल चियै तैयो जियल चियै। सजाय पाबनेचियै तैयो मारलगेल नै चियै।
महज फरिसीसब आ सदुकीसब मेसे बहौत गोराके बप्तिस्मा लैले आबैत देखके उ ओकरासबके कहल्कै, “ऐ, साँपके बच्चासब, परमेस्वरके आबैबला करोधसे भागैले तोरासबके के सिखाइल्कौ?
उसब आपन हाथसे साँपसब पकरतौ आ कोनो परकारके बिखो पिलेतै त तैयो कोनो नोक्सान नै हेतै। तब रोगी-बिमारीसब उपर आपन हाथ राख्तौ आ उसब निक हेतौ।”
ओतेका निबासी लोकसब एकदम हमरासबके दया देखेल्कै। ओहै बखत पानी पैररहल छेलै आ जार हेबे लाग्लै, तब उसब हमरासबके लेल आइग बाइरके तापैले बोल्याके स्वागत करल्कै।