27 महज जब चौद रातमे अन्दिरियास समुन्दरमे अने-ओने भटकैत रहलै तब अधा रातके जहाद चलाइबलासबके यि लाग्लै जे कोनो जमिनके पाखा दिसन पुइगरहल चियै।
एके घरिमे ओकर सब धन-सम्पैत सखाप भ्यागेलै।” जहादके कप्तानसब, यातरीसब, जहाद चलाइबलासब आ समुन्दरमे काम कैरके आपन गुजारा करैबलासब दुरे ठार भेलै।
जहाद चलाइबलासबके भाइग जाइके बिचार छेलै, तहै खातिर जहादके अगिल्का भागसे लंगर खसाइके बहानासे उसब छोटका नाह समुन्दरमे खसाइने छेलै।
महज हमसब कोनो टपुके पखामे भास जेबै।”
तब उसब पानीके गहिर नापल्कै तब ओइसबके थाह भेलै कि पानीके गहराइ असी हाथ जतेक छै। कन्हिक औरो अगा ज्याके फेनो नापल्कै त साठी हाथ जतेक मातर छेलै।