तुसब देखैचिही आ सुनैचिही, कि एफिससमे मातरे नै महज एसियाके पुरे परान्तमे हाथसे बन्याल देबिदेबता कुछो नै चियौ कैहके पावल बहुत लोकसबके बहक्याके लगेलछै।
हे हमर भाइ-भैयासब, तोरासबके भलाइके लेल हम आपने आ अपोल्लोसके उदाहरन द्याके यि सब बातसब लिख्नेचियौ, ताकि तुसब पबितर धरमसास्तर अनुसार जियैले सिख आ तुसब एक गोरेके पक्छ ल्याके दोसरके बिरोध कैरके घमन्डी नै हो।
लोकसबके हिसाबसे कहैचियौ त, एफिसस सहरमे हम जङली जानबरसब जखा लोकसबसङे लराइ कैरके हमरा कि फैदा भेलै? यदि मरल लोक जीके नै उठैछै त “खो आ पि, कथिलेत हमसब त काइल मैर जेबै।”