जे असली रुप परकट हैछै उ इजोत चियै। पबितर धरमसास्तरमे अनङ लिखलछै, “हे बिभोर निनमे परल लोकसब जाग आ आपन पापके कारनसे मरल नै रह, जिबित हो। तब खिरिस्टके इजोत तोरासबमे चमकतौ।”
हे भाइ-बहिनसब, परमेस्वर तोरासबके बोलाबैत खिना तुसब केहेन छेल्ही? तैमे बिचार कर। अइ सन्सारके दिरिस्टीमे तोरासबमेसे बहुतो लोक बुधिमान, बहुतो लोक सक्तिसाली या बहुतो लोक खानदानी नै छेल्ही।