25 महज अधा रातके पावल आ सिलास परथना करैत, भजन गाबैत परमेस्वरके परसन्सा करैतरहै, ओकरौरके परथना करैत परमेस्वरके भजन गाबैछेलै आ औरो जहलमे ढोकलहा कैदीसब सुनैत रहै।
हे हमर भाइ-भैयासब, तोरौरके जब कोनो किसिमके आपत-बिपत एतौ तखुन तुसब खौब आनन्दके बात समझ।
अतबेक नै, हमसब आपन दुख-कस्टमे सेहो आनन्द मनाबैचियै कथिलेत हमसब जानैचियै कि दुख-कस्टसे सहनसिलता उतपन कराबैछै,
येसु अइ सन्सारमे रहैतकाल मिरतुसे बचाबेबला परमेस्वरसङे जोरसे कानैत बिन्ती आ परथना करल्कै। ओकर नमरता आ भक्तीके कारन ओकर परथना परमेस्वर सुनल्कै।
एक-आपसमे भजन, गित आ पबितर आत्मासे देल गित गाब आ परभुके खातिर आपन हिरदयसे धुन निकाल।
अखुन हम तोरासबके खातिर दुखो भोइगके खुसी चियौ कथिलेत खिरिस्टके देह अरथात मन्डलीके खातिर बाकी रहल दुख-कस्टसब हम आपन देहमे भोइगके पुरा करैचियौ।
आपन आसामे आनन्द कर, दुख-कस्टमे धिरज कर आ निरन्तर परथना करैतरह।
खिरिस्टके पछा चलैके कारन तोरासबके अपमान करैछौ त, तुसब धन्यके चिही, कथिलेकी परमेस्वरके महिमीत आत्मा तोरासबमे रहैछौ।
यदि तोरासबके बिस्बाससाथ करल सेबाके कामके खातिर हमरा लहु बहाबैले परतै तैयो हम खुसिसे बहेबौ आ तोरेसबसङे आनन्द मनाइबौ।
सोकमे रहितोपरभी हरसमय आनन्दमे रहैचियै। गरिब रहितोपरभी बहुतोके आत्मिकी रुपमे धनिक बनाबैचियै। कुछो नै रहितोपरभी हमरासबसङे सब चिज छै।
तब येसुके नाममे अपमान सहैके योग्य चियै कैहके खुसी मनाइत उसब महासभामे गमलिएलके बात मानैत निकैलके गेलै।
ओकर हिरदय एकदम दुखसे भरल छेलै, तब उ धियानसे परथना करे लाग्लै, तै बखत ओकर पसिना लहुके बरका-बरका ठोप जखा भुइयामे चुबै छेलै।
यदि तोरासबमेसे कोइ समस्यामे छै त, उ परथना करे। कोइ खुसी छै त, उ परसन्साके गित गाबे।
तकरबाद परेरितसब आ मन्डलीके अगुवासब मन्डलीके पुरा लोकसबसङे मिलके दुइ गोराके छानल्कै। उसब ओइ दुनुगोराके बरनाबास आ पावलके सङ लग्याके एन्टिओखिया पठाइले उचित ठानल्कै। उ चुनलहा बरनाबास कहाइबला यहुदा आ सिलास रहै। उ दुनुगोरा परभुमे बिस्बास करैबलासबके अगुवा रहै।
जब ओइ छौरीके मालिकसब देखल्कै कि आब कमाइके रस्ता ओरागेलै तब उसब पावल आ सिलासके पकैरके घिसयाइते सहरके चौकमे सासकसबलग आनल्कै।
तकरबाद तुरन्ते हाकिम पावल आ सिलासके लज्याके राइते ओइसबके घा-घौस धुया देल्कै। तब उ आ ओकर घरके लोकसब बप्तिस्मा लेल्कै।