35 “अहिनङे भजनसङगरहके दोसरो ठाममे कहनेछै, अहाँ आपन पबितर सेबकके सैरके नास हेबे नै देबै।
बिस्बासके कारन हनोक नै मरलै, परमेस्वर ओकरा जिते अइ धरतीसे उठाके स्वरग ल्यागेलै आ कोइ नै ओकरा फेनसे देखल्कै, कथिलेकी परमेस्वर ओकरा ल्यागेलछेलै। हनोक स्वरगमे लजाइसे पहिने उ परमेस्वरके मनपरैबला जिबन बिताइने छेलै कैहके पबितर धरमसास्तरमे लिखलछै।
साँचोके हम तोरासबके कहैचियौ, यदी जे कोइ हमर कहल बचनके पालन करतै त उ कहियो नै मरतै।”
जे कोइ परमेस्वरके बेटामे बिस्बास करैछै, ओकरसङे अनन्त जिबन छै। जे कोइ परमेस्वरके बेटाके नै मानैछै, से कोइ अनन्त जिबन नै पाबतै महज ओकर उपर परमेस्वरके करोध परतै।
“परमपरभु खिरिस्टके जाबेतक नै देखबिही ताबेतक तोहे नै मरबिही” यि बात पहिने पबितर आत्मासे थाह भेल छेलै।