हौ मालिकसब, तैहनङे कैरके अहुसब आपन नोकर-चाकरसबके असल बेबहार करु आ ओइसबके नै धम्काब कथिलेत अहाँसबके आ उसब दुनुके एकेटा मालिक स्वरगमे छै से बात नै बिसर। उ ककरो पक्छ ल्याके नियाय नै करैछै।
तब उसब येसुके फसाइले पुछल्कै, “गुरु जी, हमसब जानैचियै, अहाँ सहि बात बोलैचियै, असल बात सिखाइचियै आ ककरो पक्छपात नै करैचियै, महज अहाँ त सत्यतासे परमेस्वरके रस्ता देखाइचियै।
तैखातिर अते गिरिक या यहुदी, देहमे खतना करल आ नै करल, असभ्य, असिक्छित, दास या स्वतन्तर ककरो कोनो भेदभाव नै छै महज खिरिस्टे सब चिज चियै आ सबमे बास करैछै।
उसब आपन कुछ चेलासब आ हेरोद रजाके दलके कुछ लोकसबके येसुलग एहेन कहैले पठेल्कै, “हे गुरु जी, हमसब जानैचियै कि अहाँ सत चियै आ परमेस्वरके साँचे सत बाट देखाइचियै। लोकसब कथी कहतै तैके कोनो बास्ता नै राखैचियै कथिलेकी अहाँ ककरो पक्छपात नै करैचियै।
तब हम तुरन्ते अहाँके बोलाइले लोक पठेलियौ आ अहाँ थाकैत-पिराइत अते एलियै। आब हम सबगोरा अते परमेस्वरके सामने चियै आ परभु जे कुछ अहाँके कहैले आग्या देने छै, से सब बात सुनैले हमसब बैठल चियै।”