उ लोक धैनके चियै, जे आपत-बिपतमे अस्थिर रहैछै, कथिलेकी जाँचके सामना करलाके बाद उ जिबनके मुकुट पाबतै, जे परमेस्वरके परेम करैबलासबके परमेस्वर दैले परतिग्या करने छै।
तब अहै खातिर हम दुख उठाइचियै। महज यि बातके खातिर हम लाज नै मानैचियै, कथिलेत हम ककर उपर बिस्बास करनेचियै से हम निकसे जानैचियै। हम जे कुछ परमेस्वरके सौपने चियै, उ आपन आबैबला दिनतक सुरक्छित राख्तै कैहके पुरा भरोसा छै।
परमेस्वर आ खिरिस्ट येसुके अगा, जे आपन राज अस्थापना करैले एतै आ उ जियल आ मरल सबके नियाय करतै, तै बातके धियानमे राइखके हम तोरा करा आग्या दैत कहैचियौ कि
महज पबितर धरमसास्तरमे एहेन लिखलछै, “आँखसे नै देखलहा आ कानसे नै सुनलहा आ लोकके मनमे नै चितेल्हा, एह्या बात परमेस्वर ओकरा परेम करैबलासबके लेल तयार करने छै।”
नियाइके दिनमे बहुतो लोकसब हमरा कहतै, ‘परभु, परभु, कि हमसब अहाँके नाममे अगमबानी नै बोललियै? कि हमसब अहाँके नाममे भुतसब नै निकाललियै? आ कि हमसब अहाँके नाममे बहुतो अचमके कामसब नै करलियै?’