13 आबै बखत तोरोआस सहरमे कारपस लग हमर छोरलहा बस्तर ल्याके आबिहे। ओते भेल्हा सब किताबसब आ खास कैरके छलामे लिखल किताबसब नै बिसैरके आइन दिहे।
हमसब अखुन्तो भुखल आ पियासल चियै, फाटल-चिटल बस्तर पिन्हैचियै आ मार-पिट खाइचियै आ हमरासबके रहैबला घरो-दुवार नै छै।
तब हमसब तरोआससे पानी जहाद चहैरके सोजहे समोथराके टपु दिसन गेलियै आ तकर बिहानके नियापोलिस सहरमे पुगलियै।
तब उसब माइसिया इलाका हैत सोजहे समुन्दरके कातमे परैबला तरोआस सहरमे गेलै।
हम कतहेक रात नै सुइतके खुब मेहनत करलियै। हम बहौत बेर खाना बिना भुखे पियासे रहलियै आ बस्तर नै भेलासे जारसे कठुवाइलियै।
यदी कोनो लोक मुदा-मुकदमा कैरके तोहर कुरता लैले दाबी करैछौ त, ओकरा तु आपन ओरहैयो बला द्यादहै।
ओइसबके सबसे बेसी यि बातके दुख छेलै कि, “आबसे फेनो हमर मुह तुसब देखे नै पाबबिही।” तब ओकरा पानी जहादतक पहुचादेल्कै।