हे स्वरगमे भेल्हासब, उ सहर नास भेलासे खुस हो। हे परमेस्वरके पबितर जनसब, परेरितसब आ अगमबक्तासब सबकोइ आनन्द मना! कथिलेत तोरासबके सताबैके कारन परमेस्वर ओकर नियाय करने छै।
जाती जातीके लोकसब करोधसे भरलछै, महज आब अहाँके आपन करोध देखाबैबला समय एलछै, मरलहासबके नियाय करैबला समय एलछै आ अहाँके सेबकसब, अगमबक्तासब आ पबितर जनसब आ अहाँके डर मानैबला छोट-बरका सबके इनाम दैबला समय आ पिरथिबीके बिनास करैबलासबके नास करैके समय एलछै।”