तब अहै खातिर हम दुख उठाइचियै। महज यि बातके खातिर हम लाज नै मानैचियै, कथिलेत हम ककर उपर बिस्बास करनेचियै से हम निकसे जानैचियै। हम जे कुछ परमेस्वरके सौपने चियै, उ आपन आबैबला दिनतक सुरक्छित राख्तै कैहके पुरा भरोसा छै।
कथिलेकी जे सुसमाचार हमसब सुनेलियै उ सब्द मातरे नै महज सक्तीके साथ, पबितर आत्माके साथ आ पुरे निस्चयताके साथ एलै। जखन हमसब तोरासबके सङे रहलियै त केहेन चालचलनके जिबन जिलियै से तोरासबके थाहे छौ।
नियाइके दिनमे बहुतो लोकसब हमरा कहतै, ‘परभु, परभु, कि हमसब अहाँके नाममे अगमबानी नै बोललियै? कि हमसब अहाँके नाममे भुतसब नै निकाललियै? आ कि हमसब अहाँके नाममे बहुतो अचमके कामसब नै करलियै?’