हमरासबके थाहछै कि हमसबके यि बास करल नासबान देह पाल जखा चियै, जे एक दिन नास हेतै तैयो परमेस्वरके देल देह स्वरगमे अनन्ततक रहैबला घर जखा हेतै, जे लोकके हाथसे नै बनलछै।
या कि तु परमेस्वरके महान किरपा, सहनसिलता आ धिरजके तुच्छ सम्झैचिही? परमेस्वर आपन किरपासे तोरा पापसे पस्चाताप करैके मौका देनेछौ से बात कि तोरा थाह नै छै?