5 परमेस्वरे अपनासबके स्वरगिय देहके पाबैके लेल तयार करने छै, जकरा पक्का करैके लेल बैनाके रुपमे उ आपन पबितर आत्माके देनेछै।
अपनासबमे उ आपन छाप लगाइने छै आ बैनाके रुपमे पबितर आत्माके अपनासबके हिरदयमे बास करैले देने छै।
सिरिस्टी करल चिज मातरे नै, अपनोसब भितरे भितर दुखसे कुहरैचियै। अपनासब परमेस्वरके परतिग्याके रुपमे पबितर आत्मा पाबनेचियै। ओहैसे अपनोसबके कहिया पुरा हकबला ओकर सन्तान बनेतै आ सब खराब बातसे अपनासबके देहके छुटकरा देतै कैहके असियाल चियै।
परमेस्वरके पबितर आत्माके दुखी नै बना, कथिलेत पबितर आत्मा तोरासबके छुटकाराके दिनके खातिर भेटल छाप चियौ।
जे परमेस्वरके आग्यासब पालन करैछै, उ सबगोरा ओकरेमे रहैछै आ परमेस्वर ओकरासबमे रहैछै। परमेस्वर अपनासबमे बास करैछै से बात परमेस्वरके द्याल पबितर आत्मासे हमसब जानैचियै।
कथिलेत हमसब असल कामसबके लेल खिरिस्ट येसुमे सिरिस्टी भ्याल ओकर हाथके सिप चियै। ओह्या अनुसार अपनासब चल कैहके उ पहिनेसे तयार करने रहै।
अपनासबके अखैन भोगल दुख पछा आबैबला बरका अनन्तके सुख समैझके त साँचे यि कुछो नै चियै।