4 तोरासबके चित दुखाइके लेल नै महज तोरासबके खातिर हमर गहिर परेम जान कैहके बहौत दुख-कस्टसे लोर बहाबैत तोरासबके उ चिठी लिखने छेलियौ।
हम उ चिठी अनियाय करैबला लोकके लेल नै लिखने चियै, नै त अनियायमे परल लोकके लेल महज अइ हेतुसे कि परमेस्वरके नजरमे हमरासबके परती तोरासबके वास्ता केहेन छौ, से तोरासबके थाह हेबे।
हम तोरासबके पहिनो बहौत बेर कहनेचियौ, अखुन हम कानैत कहैचियौ, कि बहुतो लोक खिरिस्टके कुरूसके दुस्मन जखा जिबन जियैछै।
तोरासबके भलाइके लेल हमरसङे भेल सब चिज खुसिसे देबौ आ अपना स्वयमके देबौ। यदि हम तोरासबके बेसी परेम करैचियौ त कथिले हमरा कमतियै परेम करैचिही?
परमेस्वर तोरासबके करल वास्ता जखा हम्हु तोरासबके वास्ता करैचियौ, कथिलेकी हम त एक मातरे बर खिरिस्टसङे तोरासबके बियाह कैरदैके परतिग्या करनेचियौ। ओहैसे तोरासबके ओकर पबितर कुमाइर कनियाके रुपमे कनियादान करैके बिचार करनेचियौ।
तुसब हरेक बिसयमे आग्याकारी चिही कि नै कैहके जाचैके लेल हम उ चिठी तोरासबके लिखने छेलियौ।