5 एहेन लोकसबके बिचमे सबदिन झगरा हैछै। ओइसबके मति भरस्ट भेल रहैछै। उसब सत बातसबसे दुर भेल रहैछै आ परमेस्वरके भक्ति करैबला काम धनिक हैकेलेल चियै कैहके बिचार करैछै।
उसब भक्ती करैबला रुप धारन त करैछै महज भक्तीके भितरी सक्तीके सुइकार नै करैछै। एहेन लोकसबसे दुरे रह।
उसब लोभमे पैरके झुठा बातसब बनाइतौ आ तोरासबसे फैदा उठेतौ। ओइसबके दन्डके आदेस पहिने भ्यागेल छै आ ओइसबके नास पक्के हेतै।
ओकरासबके मुहमे जाबी लगाइए परतै कथिलेत उसब पैसा-कौरी कमाबै खातिर झुठ सिक्छा सिख्याके सब घर परिबारमे उधपात मचाइने छै।
जनङ यान्नेस आ याम्बरेस मोसाके बिरोध करने रहै, तैहनङ यि लोकसब सत्यताके बिरोध करैछै। अकरौरके बुइध भरस्ट भ्यागेल्छै आ बिस्बास हराएल छै।
बास्तबिक्ता त यि चियै कि सन्तोस कैरके परमेस्वरके भक्ति करनाइ सबसे बरका धन चियै।
महज उ मारपिट नै करैबला, दाखमध नै पिये बला, रिस नै करैबला, सान्त स्वभाबके आ पैसाके लोभ नै करैबला हैकेचाही।
“तोहे धरमगुरुसबके आ फरिसीसबके धिक्कार! तुसब कपटी चिही! कथिलेत तुसब स्वरगके राजके केबार खोलैबला कुजी त लेल्ही, महज नै अपने ढुकलिही नै दोसरके ढुकैले देल्ही।
“कोनोभी असल गाछमे असले फल फरैछै आ खराब गाछमे खराबे फल फरैछै। कथिलेत गाछ ओइके फरसे चिन्हल जाइछै।
महज कतहेक गोरा त यि बातके छोइरके बेरथके बातसबमे ओझराल छै।
कथिलेत सब जातीसबके लोकसब ओकर बेबिचारके मध पिके मातल छै आ सन्सारके रजासब ओकरसे बेबिचार करने छेलै आ सन्सारके बेपारियोसब ओकर बरका मोज-मज्जाके कारन धनिक भेल छेलै।”
ओइसबके खातिर यि कतहेक डर हैबला बात चियै। उसब कयिनके देख्याल रस्ता चल्लै। पैसाके खातिर बलामके करलहा अधलाह कामके रस्ता गेलै तब उसब कोरह जखा बिरोध करल्कै आ उसब ओकरे जखा नास हेतै।
उसब सिधा रस्ता छोइरके बओरके बेटा बालामके चलैबला बाटमे चलैछै, जे खराब काम कैरके रुपैया कमाबैके दाउमे छेलै।
तहिनङे मन्डलीमे सेबा करैबला डिकन निक चालचलनके लोक हैकेचाही। उसब साँच-साँच बोलैबला, दाख मध नै पियैबला आ पैसा-कौरीके लोभ-लालच नै करैबला हैकेचाही।
भाइसब, अपनासबके परभु येसु खिरिस्टके नाउमे हमसब तोरासबके यि आग्या करैचियौ कि, जे बिस्बासी लोकसब हमरासबके देल सिक्छा अनुसार नै चलैछै आ कोढिया छै ओकरासबके सङहतसे दुरे रह।
तब येसु उसबके कहल्कै “पबितर धरमसास्तरमे एहेन लिखल छै, ‘हमर घर परथनाके घर कहाइतै।’ महज तुसब त अकरा डाकुसबके अड्डा बनाइने चिही।”
ओकरासबके दालचिनी, मसला, महग अतर, गमकौवा धुप, उजर धुप, मध, जैतुनके तेल, मैदा आ गहुम, गाइ-भैसिसब, भेंरासब, घोरासब, रथसब, कमारा-कमारीसब किछो नै किन्तौ।
यदि कोइ अकर बारेमे बिबाद करैले चाहैछै त, हमरासबसङे यि बाहेक कोनो चलन नै छै, नै त परमेस्वरके मन्डलीसबमे छै।
तु इस्वरहिन आ अरथहिन खिसा-पिहानी सबसे दुर रह। बरु परमेस्वरके पसिन परैबला जिबन जियैके कोसिस कर।
देहके कसरत करनाइ असल चियै, महज आत्मिक कसरत करनाइ औरो असल चियै, कथिलेकी अखुन आ आबैयोबला जिबनमे फैदाके लेल परतिग्या करने छै।