10 कथिलेकी सब परकारके खराबी के जैर रुपैया-पैसाके मोह चियै। कतहेक गोरा अकर पछा लाइगके बिस्बाससे पछा हैट गेलछै आ उसब आपन उपर दुख कस्ट लाबने छै।
महज धनिक हैले चाहैबला परिक्छामे परैछै। उ बेरथ आ खराब इक्छासबमे फैस जाइछै। ओहे खराब इक्छा ओकरा दुख आ बिनासमे लजाइछै।
ओकरासबके मुहमे जाबी लगाइए परतै कथिलेत उसब पैसा-कौरी कमाबै खातिर झुठ सिक्छा सिख्याके सब घर परिबारमे उधपात मचाइने छै।
ओइसबके खातिर यि कतहेक डर हैबला बात चियै। उसब कयिनके देख्याल रस्ता चल्लै। पैसाके खातिर बलामके करलहा अधलाह कामके रस्ता गेलै तब उसब कोरह जखा बिरोध करल्कै आ उसब ओकरे जखा नास हेतै।
कथिलेत डेमास सन्सारके मोहमे फैसके हमरा छोइरदेल्कै आ थेसलोनिकेमे चैलगेलै। केरसेन्स गलातियामे आ तितस दलमातियामे गेलछै।
महज उ मारपिट नै करैबला, दाखमध नै पिये बला, रिस नै करैबला, सान्त स्वभाबके आ पैसाके लोभ नै करैबला हैकेचाही।
“तोहे धरमगुरुसबके आ फरिसीसबके धिक्कार! तुसब कपटी चिही! कथिलेत तुसब स्वरगके राजके केबार खोलैबला कुजी त लेल्ही, महज नै अपने ढुकलिही नै दोसरके ढुकैले देल्ही।
हे हमर भाइ-भैयासब, कोइ सतके बाटसे भटैकके जेतै आ कोइ ओकरा घुम्याके आन्तै त,
कथिलेकी एहेन बातसबके पाछु लाइगके कतहेक लोक बिस्बाससे दुर भेलछै। तोरासबके सङे परमेस्वरके अनुगरह रहे।
ओकरासबके दालचिनी, मसला, महग अतर, गमकौवा धुप, उजर धुप, मध, जैतुनके तेल, मैदा आ गहुम, गाइ-भैसिसब, भेंरासब, घोरासब, रथसब, कमारा-कमारीसब किछो नै किन्तौ।
“आपन खातिर पिरथिबीमे धन-सम्पती नै ढेरिया, जते ओकरा किरा आ बिज लाइगके नास कैरदैछै। जते चोरसब सिन कोइरके ओकरा चोरालैछै।
काँटके झारमे परल बिचहन उ लोक जखा चियै, जे बचन सुनैछै, महज सन्सारके चिन्ता आ धन-सम्पतीके मोह-मायासे बचनके दाइब दैछै। उ बचन ओकर जिबनमे कोनो परकारके फल नै फराबैछै।
महज दुनियाके चिन्ता, धनके मोह आ औरो चिजके ललसा आइबके बचनके दाइब दैछै। तहैले उसब फल नै फराबैछै।
सन्सारमे तुसब आपन देहके इक्छाके मार, जनङ: बेबिचार, अधलाह बात, दुस्ट काम, असुध बिचार आ लोभ जे मुरतिपुजा चियै।
कथिलेत लोक आपन स्वारथ मातर देखैबला, पैसा-कौरीके लोभ करैबला, आपनके बरका मानैबला, घमन्ड करैबला आ परमेस्वरके बिरोध करैबला हेतै। उसब आपन माँ-बापके बात नै मानैबला, असलो कामके खातिर धन्यबाद नै दैबला आ अपबितर हेतै।