7 कथिलेकी सुतैबलासब रातमे सुतैछै आ पियक्करसब रातेमे मातैछै।
उसब औरोसबके दुख देलाके कारन आपनो दुख भोगेपरतै। उसब दिने-दुपहरेमे मोजमजा करनाइ आनन्द बात ठानैछै। उसब त कलङकित आ दुसित लोकसब चियै। तोरासबसङे भोजन करैतकाल उसब छल कैरके आनन्द लैछौ।
अपनासब दिनके इजोतमे रहल जखा असल काम कर। रातके अन्हारमे करल खराब काम जखा मोजमजा, मातैबला काम, बेबिचार, भरस्टाचार, लराइ-झगरा आ डाह करैले छोर।
होसमे या आ आबसे पाप नै कर। कथिलेत तोरासबमेसे कतहेक गोरे परमेस्वरके नै चिनहने चिही। यि त तोरासबके लेल सरमके बात चियौ।
तोरासबके बिचार करल जखा यि सब अङगुरके मध पिके नै मातल छै, कथिलेत अखुन बिहानके न मातरे बाजल छै।
जे असली रुप परकट हैछै उ इजोत चियै। पबितर धरमसास्तरमे अनङ लिखलछै, “हे बिभोर निनमे परल लोकसब जाग आ आपन पापके कारनसे मरल नै रह, जिबित हो। तब खिरिस्टके इजोत तोरासबमे चमकतौ।”
“सबलोक पहिने असल्का मध पियैले दैछै आ जब लोकसब बहुते पिलैछै, तब मातरे दबका पियैले दैछै, महज अहाँ त असल्का अखुनतक राखने चियै।”
अङगुरके मधसे नै मात कथिलेत ओइसे जिबन नास हैछै, महज पबितर आत्मासे भरपुर रह।