देखभाल करैबला अगुवा मन्डलीएटाके भितरे मातर नै महज उ मन्डलीके बाहरो इजत-मान भेटल लोक हैकेचाही। तब मातरे ओकरा बिस्बासी लोकसब मान करतै आ सैतानके जालमे नै परतै।
अन्तमे, भाइ-भैयासब, जे बात सत छै, जे बात असल छै, जे बात नियाय संगत छै, जे बात पबितर छै, जे बात परेम योग्य छै, जे बात किरपाके योग्य छै, अरथात जे आदरके योग्य छै आ परसन्साके योग्य छै तैमे मन लगा।