हम यि छोट चिठी बिस्बासयोग्य भाइ सिलाससे लिखाबैचियौ। हम तोरासबके साहस दैकेलेल आ तोरासबके जे भ्यारहलछौ उ परमेस्वरके सच्चा अनुगरह चियै कैहके गबाही दैचियौ। यि अनुगरहमे अस्थिर भ्याके रह।
ओतेका लोकसब थेसलोनिकेके लोकसबसे खुला बिचारके लोकसब रहै। उसब परमेस्वरके सुसमाचार एकदम धियान द्याके सुनै। पावलके कहलहा बातसब मिलैछै कि नै मिलैछै कैहके उसब हरेक दिन धरमसास्तर पढ़है आ जाँचै।