तब अहै खातिर हम दुख उठाइचियै। महज यि बातके खातिर हम लाज नै मानैचियै, कथिलेत हम ककर उपर बिस्बास करनेचियै से हम निकसे जानैचियै। हम जे कुछ परमेस्वरके सौपने चियै, उ आपन आबैबला दिनतक सुरक्छित राख्तै कैहके पुरा भरोसा छै।
हौ मालिकसब, तैहनङे कैरके अहुसब आपन नोकर-चाकरसबके असल बेबहार करु आ ओइसबके नै धम्काब कथिलेत अहाँसबके आ उसब दुनुके एकेटा मालिक स्वरगमे छै से बात नै बिसर। उ ककरो पक्छ ल्याके नियाय नै करैछै।